माँ तुम्हारे शब्दों में
विशवास झलकता है
जो मुझे प्रतिपल
संबल देता है
* * * * *
माँ तुम्हारे बोल
तपन में शीतलता की तरह
भटकन में दिशा की तरह
भ्रम में विश्वास की तरह
तम में प्रकाश की तरह
संघर्ष में ढाल की तरह
हर सवाल के जवाब की तरह
* * * * *
माँ तुम्हारे बोल
मेरे जीवन का अवलंब है
जिसमे छिपा मेरे भविष्य का
प्रतिबिम्ब है
मेरी प्यारी माँ :
तुम्हारे बोल तुम्हारी तरह
मीठे निर्मल निश्छल
और ऊर्जान्वित हैं
जिसमे छिपा सभी का
हित है ।
Thursday, July 31, 2008
Tuesday, July 22, 2008
Sunday, July 20, 2008
माँ की लेखनी से ....
"एक माँ शब्द के उच्चारण मात्र से सैकडों गंगा से भरे घट ढुलक जाते हैं और चारो ओर का वातावरण पवित्र हो जाता है । "
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