Wednesday, September 3, 2008

गणेश चतुर्थी

आज गणेश चतुर्थी है । मै आजकल मुंबई में निवास कर रहीं हूँ इसलिए इस पावन पर्व को निकट से देख पा रहीं हूँ । घर-घर विराजमान गणपति मन को उमगित किए बिना नहीं रहते । लोकमान्य तिलक ने यह पर्व प्रारम्भ किया था जनजागरण और एकात्मता के लिए । उनकी यह भावना यहाँ के लोगो में दिखाई देती है (राजनैतिक विवाद
चाहे कुछ भी हो ) । इस पावन पर्व पर गणेश जी सबके कष्टों को दूर करे ,सुख शान्ति और सौम्यता प्रदान करें यहीं उनसे प्रार्थना है ।

3 comments:

shama said...

Aapkaa chitthaa jagatme haardik swagat!!
Aapka lekhan bohot sahaj laga...ekdam jaise koyi samne khada ho baatcheet kar raha ho.
Agar word verification hata den to zyada baar comment kar paungi!!Kaheen buraa to nahee mana??Mujhebhi yahi salah dee thee purane bloggersne jo maine maan lee.
snehsahit
Shama

राजेंद्र माहेश्वरी said...

युग परिवर्तन की यह बेला आपको सपरिवार मंगलमय हो। शिव की शक्ति, मीरा की भक्ति, गणेश की सििद्ध, चाणक्य की बुिद्ध, शारदा का ज्ञान, कर्ण का दान, राम की मर्यादा, भीष्म का वादा, हरिशचन्द्र की सत्यता, लक्ष्मी की अनुकम्पा, कुबेर की सम्पन्नता प्राप्त हो यही हमारी शुभकामना हैं।

प्रदीप मानोरिया said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है निरंतरता की चाहत है
समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें