Monday, October 6, 2008
एक शिकायत दूर की मैंने
तुमने मेरे लिए कुछ नहीं लिखा !बच्चों के लिए लिखा ,माँ के लिए लिखा ,दोस्तों को भी याद किया ,सामाजिक सरोकार संबधी लेख भी लिखे और मेरे लिए कुछ भी नहीं !....एक कविता भी नहीं ! यह शिकायत मेरे जीवन साथी आनंद की है और हो भी क्यों न आख़िर उन्होंने तो ही मेरे इस ब्लॉग को बनाने में सबसे अधिक सहयोग किया है । .....पर शायद मैंने इसलिए नहीं लिखा क्योंकि जो व्यक्ति हमसे पल प्रतिपल जुडा होता है उसके साथ व्यतीत होता हुआ समय स्वयं कविता स्वरुप होता है ,फिर रस की निष्पत्ति होना कविता की सार्थकता है तो आनंद के साथ मुझे नौ रसों की अनुभूति हो चुकी है ,इसलिए आनंद से जुड़ने के बाद जीवन एक कविता सदृश ही है और जहाँ रस निष्पत्ति होती है वहीँ आनंद है तो आनंद मै आनंदित हूँ ।.......आज ७ अक्टूबर को आनंद का जन्मदिन है । आनंद के दीर्घजीवन एवं स्वस्थ जीवन की इश्वर से प्रार्थना है । ......तो शिकायत दूर हुई !
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8 comments:
' anand jee 'wish you many happy returns of the day'
regards
आनंद आप जियो हजारों साल । जन्मदिन की बधाई
आनन्द जी को जन्म दिवस की मंगलकामनाऐं एवं बधाई!!
Dear Anand
"Janmdin ki Hardik Subhkamnayen"
Jayaji,
Aaapke" Aanad" kee umr bohot lambee ho, hamasha aapkee zindageeme shamil ho,
Isee shubhkamnake saath mere blogpe tippanee chhodneke liye dhanyawadbhee kehna chahungee!
Jo aapne Apne "Aanand" ke baareme likha, kahungee,chashmebaddoor!
Shubhkamnaen
Anand g ko or aapko bhi
or haan
pyar me shikayaton ka adhyay nahi hona chahiye
pun: SHUBHKAMNAEN
ANANDJI,
late hi sahi,JANMDIN PER AAJTAK KI OOR SE APKO FULL TRP WALI BADHAI..JAYA MERI OOR SE TUM LADDOO KHILA DENA.
DEEPAK
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