Friday, October 24, 2008

एक अनायास कोशिश

"कोशिश करने वालो की हार नहीं होती "इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने भी एक कोशिश की पर यह कोशिश अनायास ही हुयी । हुआ यो कि मुंबई का प्रसिद्द जुहू बीच जिसे मैंने चित्रपट के माध्यम से ही जाना था , मेरी आंखों के सामने अपनी पूरी रंगीनियाँ बिखेरते हुए सुशोभित हो रहा था , पाव भाजी ,पानी पूरी ,भेल पूरी और बर्फ के गोलों के चटकीले रंग और सागर की लहरों की चंचलता मन को चंचल बना रही थी पर जब दृष्टि सिर्फ और सिर्फ सागर की ओर टिकी तो उसका गाम्भीर्य ,उसकी गहराई उस चंचलता पर हावी हो चली और अनायास ही कुछ पंक्तियाँ मन में गूंजी जो कुछ ग़ज़ल की तरह सी थीं , इससे पहले मैंने कभी कोई ग़ज़ल नहीं लिखी थी इसलिए यह एक कोशिश है । यह अनायास कोशिश कैसी है आप बताएं ......इसमे मैं हारी तो नहीं !
"ज़िन्दगी के पन्नों से गुज़रते हुए ,
कुछ पाया तो कुछ खो दिया मैंने

प्यार है तो ज़िन्दगी है '
प्यार को ही ज़िन्दगी बना लिया मैंने

नज़रों को अपनी जो फेरा उसने
यादों में उसको बसा लिया मैंने

ज़िन्दगी सोची थी जैसी वैसी तो नहीं
जैसी भी है उसे अपना बना लिया मैंने

'आनंद' ज़िन्दगी का समंदर है कुछ इस तरह
लहरों की तरह हौसलों को सजा लिया मैंने

8 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया!!

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

koshish karne wale kabhee harte nahi

Dr. Nazar Mahmood said...

bhadhiya
दीपावली की हार्दिक शुबकामनाएं

संगीता-जीवन सफ़र said...

अच्छी कविता है। आपको बहुत-बहुत बधाई। आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं।

BrijmohanShrivastava said...

मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की यह किसी की पहली कोशिश हो ही नहीं सकती /पहली रचना में इतनी गंभीरता आ ही नहीं सकती /जो कविता पाठक को आत्मीयता देने बेहाल रहे / जो कविता सरल -सुबोध-लययुक्त और बोध गम्य भाषा में हो /नजरों को फेरा =वादों में बसा लिया इसे पहली रचना कैसे कहा जा सकता है /जैसी जिंदगी सोची थी वैसी तो नहीं मगर जैसी भी है उसको अपना बना लिया जीवन जीने का ऐसा दर्शन =बहुत बढ़िया कविता है -वैसे गजल भी कह सकते हैं -इसमें लिखने वाले का नाम भी आगया है ""आनंद ""=भाई आनंद आप जो भी हो यदि सच में आपकी ये पहली रचना है तो मेरी ओर से बधाई स्वीकार करे साथ ही यह आशीर्वाद भी की एक दिन आपकी कविताओं का संग्रह प्रकाशित होगा /वस शब्द साधना करते रहें /माँ सरस्वती का आराधन करते रहे /शाब्दिक व्यंजना शक्ति को जाग्रत करते रहे /

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

बहुत अच्छा है...... बधाई,
आपको, परिवार सहित दीपावली की शुभकामनायें......

DEEPAK NARESH said...

wonderful, keep writing, happy diwali

Smart Indian said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं!